Saturday, 9 April 2016

आसाम का संतुलन बिगडा है

 आसाम की मुख्य समस्या सन १९४१ विधान सभा में कांग्रेस पारित प्रस्ताव में है.अखंड हिन्दुस्थान का विभाजन १४ अगस्त १९४७ को हो चूका है.विभाजन का आधार धार्मिक अल्प संख्या की जनसँख्या के अनुपात में अधिक भूमि देकर हुवा है.इसलिए अब मुस्लिम समस्या शेष नहीं है अब समस्या कांग्रेस की राष्ट्रीयता में विषमता के आधार पर चल रही मुस्लिम वोट बैंक की राजनीती है और उसके कारन देश में हो रही राजनीती अखंड पाकिस्तान की ओर बढ़ रही है.आसाम में हुई घुसपैठ को राष्ट्रीयता प्रदान कर मतदाता बनाना केवल मुस्लिम है इसलिए अतिक्रमित भूमि को निवासी बनाना उनकी जनसँख्या को प्रोत्साहित करना और वह केवल मुस्लिम है इसलिए मुस्लिम पोलिटिकल कौंसिल के अध्यक्ष डॉक्टर रहमानी को (NDTV) वाहिनियो द्वारा आमंत्रित करना राष्ट्रद्रोह से कम नहीं है.
         आसाम की समस्या पर १९४७ पश्चात् आये घुसपैठियों को वापस भेजना यह एक अंतिम विकल्प है.आसाम में केवल बोडो हिन्दू और घुसपैठिये मुस्लिम यह विवाद राष्ट्रिय समस्या है प्रादेशिक बनाकर घुसपैठ को प्रोत्साहित करने का प्रयास मुस्लिम पोलिटिकल कौंसिल का है.मुस्लिम पोलिटिकल कौंसिल का मुख्य उद्देश देश की सर्व दलीय राजनीती का मुस्लिमकरण करना मात्र है.इसलिए,बांग्लादेशी हिंदुओं की दुरावस्था पर सरकार मौन है। बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ से आसाम का संतुलन बिगडा है तो,आसाम में बांग्लादेशी काफिरों को लाकर राष्ट्रीयता प्रदान कर उनकी सुरक्षा की जाये। हिन्दू महासभा ने आनेवाली विधानसभा के लिए हिन्दू मतों का एकीकरण का आवाहन किया है।
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http://indiatoday.intoday.in/story/perfume-baron-badruddin-ajmal-draws-fire-for-communalising-assam-riots/1/214254.html

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