Monday, 2 May 2016

त्रिदंडी स्वामी के समानांतर हिन्दू महासभा का अधिवेशन असफल,संत समागम !

प्रेस नोट: -दिनांक २ मई २०१६ मुंबई कार्यालय हिन्दू महासभा
लखनऊ में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय नेतृत्व का दावा करनेवाले दो फर्जी / समानांतर गुटों में हाथापाई हुई थी। एक गुट रामानुज संत जो विहिंप केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य त्रिदंडी जियर स्वामी है।दूसरा कथित स्वामी चक्रपाणि दोनों २००६ दिसंबर विवाद पूर्व अखिल भारत हिन्दू महासभा राष्ट्रिय कार्यकारिणी द्वारा स्वीकृत सदस्य तक नहीं है। श्रीराम जन्मभुमी कब्जे के लिए ही हिन्दू महासभा में गुटबाजी भाजपा समर्थकों ने फैलाई है। और यह फर्जी हिन्दू महासभाई उज्जैन में हिन्दू महासभा का अधिवेशन सुमेरू पीठ के आचार्य नरेंद्रानंद महाराज श्री के आवाहन पर पैसठ संतो की सहायता से एक मई को कर चुके है। रितेश गुरु उज्जैन के आश्रम में त्रिदंडी स्वामी के समर्थक नौ दिन से डेरा डाले बैठे थे। कार्यक्रम के लिए इंदौर से आठ और उज्जैन से सात कथित हिन्दू महासभाई पधारे।जो शाम को छह बजे तक पंडाल से बाहर आ गए। श्री नरेंद्रानंद महाराज ने आगे से सहायता करने से मना कर दिया।त्रिदंडी स्वामी भी समानांतर हिन्दू महासभा का नेतृत्व करने में उत्साहित नहीं है। सतना के देवेन्द्र पाण्डे ने मंच का सञ्चालन किया।परेल-मुंबई हिन्दू महासभा अध्यक्ष श्री दिनेश भोगले को हिन्दू महासभा का संतो को परिचय करवाने के लिए मंच पर आमंत्रित किया गया परंतु,डायरी पढ़ने के कारन सात मिनट में संतो ने उन्हें उपहास कर वापस जाने को कहा। उदासीन आखाड़े के संत डॉक्टर बिंदु के साथ विवाद हुआ।रविंद्र और देवेन्द्र पांडे का झगड़ा हुआ। उपलब्ध चित्र पोस्ट कर रहे है।






 संत समागम के कारन उपस्थित संत भंडारा और लिफाफा लेने पहुंचे थे।
अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने ७ जून २००२ को प्रस्ताव पारित कर "श्रीराम जन्मभुमी सैकड़ो वर्षो की परंपरा से अधिपती रहे श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाडा को लौटाने का निर्णय लिया हैं !"
इसके प्रस्ताव के विपरीत अर्थात विहिंप के इशारे पर चलनेवाले समानांतर कब्जा करने निकले नकली हिन्दू महासभाई है !
त्रिदंडी और चक्रपाणि २००६ दिसंबर विवादपुर्व हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा स्विकृत आजीव सदस्य तक नहीं होने के कारण कथित स्वामी चक्रपाणि को कोर्ट दो बार बाहर कर चुका है।
श्रीराम जन्मभूमि कब्जे के लिए प्रसार माध्यमों के द्वारा हिन्दू महासभा का समानांतर राष्ट्रीय नेतृत्व स्थापित करने का भाजपा का षडयंत्र चल रहा है।मात्र हिन्दू महासभा ने इससे पहले ही २३ दिसंबर २०१५ को सुप्रीम कोर्ट के पास ज्ञापन दे दिया है।

 इसलिए भाजप समर्थक कोई पार्टी ही नहीं होने के कारन सुब्रम्हण्यम स्वामी को पक्षकार बनाकर त्रिदंडी स्वामी,स्वामी चक्रपाणि के माध्यम से देश को गुमराह किया जा रहा है।इसमें विहिंप नेता के करीबी मुंबई हिन्दू महासभा नेता त्रिदंडी का साथ दे रहे है।
राम जन्मभुमी २३ मार्च १५२८ पुर्व से श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाडा की है और बाबर ने मंदिर छोड़ने के लिए दिया हुकुमनामा भी उनके पास है। १८८५ से आखाड़ा स्वामित्व की लड़ाई लड़ रहा है और २६ जुलाई २००९ को सुनवाई १९४९ अयोध्या आंदोलन हिन्दू महासभा की फ़ाइल के अभाव में रुकी है। मात्र मुख्यमंत्री मायावतीजी के चलते इसकी FIR लिखी गई और भाजप शासनकाल २००० में सुभाष भान साध की हत्या के साथ तिलक ब्रिज स्टेशन पर धक्का देकर फ़ाइल चुराए जाने के रहस्य का पता चला और इस हत्या या फ़ाइल गायब करनेवाले मित्तल को बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी का उपकुलगुरु बनाए जाने का रहस्य खुला था। भाजप श्रीराम मंदिर विध्वंस के आरोप के साथ मंदिर अधिपत्य को हथियाने के अनेक षड्यंत्र करवा चुकी है।
कृपया प्रसार माध्यम भ्रम न फैलाएं ! सुमेरु पीठ शंकराचार्य नरेंद्रानंद महाराज जो,हिन्दू महासभा के सदस्य नहीं है की अध्यक्षता में उनके शिबिर में विहिंप समर्थक संत,श्री शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती,रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य,राघवाचार्य की उपस्थिती में रामानुज श्री जियर त्रिदंडी स्वामी के समानांतर हिन्दू महासभा असफल संत अधिवेशन का विरोध हिन्दू महासभा इंदौर,उज्जैन कार्यकर्ता कपिल शर्मा,संजय झोल,महेश राठोड ने किया, त्रिदंडी समर्थक देवेन्द्र पाण्डे ,बंटी ठाकुर से झड़प हुई !

2 comments:

  1. पंडित जी आपने लिखा है कि विहिप समर्थित है कमलेश त्रिडण्डी स्वामी और भी बहुत से लोग. ?
    जबकि सबसे ज्यादा विहिप के लोग कौशिक के साथ बैठक करते हैं, जो दिख रहा है उसे झुठलाकर आप कमलेश दण्डी स्वामी के पीथे क्युं पङे रहते हैं.?

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  2. जोशी जी क्या इस तरह ही हिंदुत्व संगठन होगा

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