Monday, 30 May 2016

मुस्लिम मुक्त भारत ! क्यों ?



अखण्ड भारत का विभाजन अल्पसंख्या के आधारपर हुआ है।
लाहोर से प्रकाशित मुस्लिम पत्र 'लिजट' में अलीगढ विद्यालय के प्रा.कसमदीन खान का एक पत्र प्रकाशित हुवा था जिसका उल्लेख पुणे के ' मराठा ' और दिल्ली के ओर्गनायजर में २१ अगस्त १९४७ को छपा था, " हिन्दुस्थान बट जाने के पश्चात् भी शेष भारत पर भी मुसलमानों की गिध्द दृष्टी किस प्रकार लगी हुई है,लेख में छपा था चारो ओर से घिरा मुस्लिम राज्य इसलिए समय आनेपर हिन्दुस्थान को जीतना बहुत सरल होगा."
             कमरुद्दीन खा अपनी योजना को लेख में लिखते है, " इस बात से यह नग्न रूप में प्रकट है की ५ करोड़ मुसलमानों को जिन्हें पाकिस्तान बन जाने पर भी हिन्दुस्थान में रहने के लिए मजबूर किया है , उन्हें अपनी आझादी के लिए एक दूसरी लडाई लड़नी पड़ेगी और जब यह संघर्ष आरम्भ होगा ,तब यह स्पष्ट होगा की,हिन्दुस्थान के पूर्वी और पश्चिमी सीमा प्रान्त में पाकिस्तान की भौगोलिक और राजनितिक स्थिति हमारे लिए भारी हित की चीज होगी और इसमें जरा भी संदेह नहीं है की,इस उद्देश्य के लिए दुनिया भर के मुसलमानों से सहयोग प्राप्त किया जा सकता है. " उसके लिए चार उपाय है. 
१)हिन्दुओ की वर्ण व्यवस्था की कमजोरी से फायदा उठाकर ५ करोड़ अछूतों को हजम करके मुसलमानों की जनसँख्या को हिन्दुस्थान में बढ़ाना.
२)हिन्दू के प्रान्तों की राजनितिक महत्त्व के स्थानों पर मुसलमान अपनी आबादी को केन्द्रीभूत करे.उदहारण के लिए संयुक्त प्रान्त के मुसलमान पश्चिम भाग में अधिक आकर उसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र बना सकते है.बिहार के मुसलमान पुर्णिया में केन्द्रित होकर फिर पूर्वी पाकिस्तान में मिल जाये. 
३)पाकिस्तान के निकटतम संपर्क बनाये रखना और उसी के निर्देशों के अनुसार कार्य करना. 
४) अलीगढ विद्यालय जैसी मुस्लिम संस्थाए संसार भर के मुसलमानों के लिए मुस्लिम हितो का केंद्र बनाया जाये.

     १८ अक्तूबर १९४७ के दैनिक नवभारत में एक लेख छपा था, विभाजन के बाद भी पाकिस्तान सरकार और उसके एजंट भारत में प्रजातंत्र को दुर्बल बनाने तथा उसमे स्थान स्थान पर छोटे छोटे पाकिस्तान खड़े करने के लिए जो षड्यंत्र कर रहे है उसका उदहारण जूनागढ़,हैदराबाद और कश्मीर बनाये जा रहे है.          

 'हिन्दुस्थान हेरोल्ड' के अनुसार निजाम सरकार दो करोड़ रूपया लगाकर वहा के अछूतों को मुसलमान बनाने के लिए एक विशाल आन्दोलन खड़ा कर रही है हिन्दुओ को डराकर राज्य से भगाया जा रहा है.
विद्यमान परिस्थिती में जनसँख्या जिहाद,लव्ह जिहाद,भूमी जिहाद,सैन्य शिक्षा के लिए अफगानिस्तान जा रहे युवक सीरिया पहुँच रहे है।
  
 *श्री.शंकर शरणजी के दैनिक जागरण २३ फरवरी २००३ में प्रकाशित लेख के आधारपर एक पत्रक हिंदू महासभा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय श्री.जगदीश प्रसाद गुप्ता,खुर्शेद बाग,विष्णु नगर,लक्ष्मणपुरी (लखनौ) ने प्रकाशित किया था।
" सन १८९१ ब्रिटीश हिंदुस्थान जनगणना आयुक्त ओ.डोनेल नुसार ६२० वर्ष में हिंदू जनसंख्या विश्व से नष्ट होगी। १९०९ में कर्नल यु.एन.मुखर्जी ने १८८१ से १९०१, ३ जनगणना नुसार ४२० वर्ष में हिंदू नष्ट होंगे ऐसा भविष्य व्यक्त किया था।१९९३ में  एन.भंडारे,एल.फर्नांडीस,एम.जैन ने ३१६ वर्ष में खंडित हिंदुस्थान में हिंदू अल्पसंख्यक होंगे ऐसा भविष्य बताया गया है।१९९५ रफिक झकेरिया ने अपनी पुस्तक "द वाईडेनिंग डीवाईड" में ३६५ वर्ष में हिंदू अल्पसंख्यांक होंगे ऐसा कहा है। परंतु,कुछ मुस्लीम नेताओ के कथानानुसार १८ वर्ष में २०२१ तक हिंदू (पूर्व अछूत-दलित-सिक्ख-जैन-बुध्द भी ) अल्पसंख्यांक होंगे !
संतो ने हिन्दुओं को,"हम दो हमारे दो",की परंपरा तोड़ने का उज्जैन कुंभ में संदेश दिया है।

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