Sunday, 14 February 2016

उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में धारा १४४

Press Note :- Kalyan Dt.14 Feb.2016

धार भोजशाला में नमाज पढवाने के पश्चात चुहाराज चौखान ने उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में धारा १४४ लगाकर भाजप पर हिन्दू महासभा १९४६,१९४७,१९४९,१९५१ से जो आरोप लगा रही है उसकी सत्यता का परिचय अंधभक्तो को अभी हुआ भी या नहीं ?


उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में,प्रयाग- नासिक कुंभ स्नान की भाँती आखाडा परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्री ज्ञानदास का साथ लेकर भाजप ने श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाड़े में फूट डालकर स्नान का अधिकारी श्री महंत श्री मदनमोहन दास को वंचित रखने का जो षड्यंत्र किया है वह उजागर हुआ है। प्रयाग,नासिक में ज्ञानदास ने राजेंद्रदास को आगे करके विवाद को न्यायालय की चौखट पर खड़ा किया था। अब विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई तो,धारा १४४ लागु कर दी ?




श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाडा-रामकोट,रामघाट अयोध्या श्रीराम जन्मस्थान मंदिर के २३ मार्च १५२८ पूर्व से संरक्षक है। भाजप रामसखा से नहीं बनी तो,फर्जी श्री महंत बनाकर राजेंद्रदास तथा एक पुजारी हस्तक का साथ लेकर ६७:७७ + भूमि का बलात कब्ज़ा करके २:७७ एकड़ पर १/३ निर्णय लागु कर ६५+ एकड़ भूमि अधिग्रहण करना चाहती है। देश के विविध पक्ष के श्रीराम भक्तो को इस षड्यंत्र पर नेत्र खुले रखने चाहिए तथा श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाड़े के सह खड़ा होना चाहिए।

सन १०३२ श्रीराम जन्मस्थान मंदिर ध्वंसी सालार मसूद को १०३३ बहराइच में मार गिरानेवाले राजा सुहेलदेव पासी की जयंती १२ फरवरी को संपन्न हुई उस उपलक्ष में जारी प्रेस विज्ञप्ति में हिन्दू महासभा राष्ट्रिय प्रवक्ता प्रमोद पंडित जोशी ने आवाहन किया है।
श्रीराम जन्मभूमि कब्जे के लिए १९४९ हिन्दू महासभा के आंदोलन को कुचलने के लिए कांग्रेस नेताओ के इशारेपर जनसंघ बना था। अब हिन्दू महासभा का कब्ज़ा करने के लिए अपने हस्तक छोड़कर धन-पद का लालच देकर हिन्दू महासभा राष्ट्रिय अध्यक्ष पद का नेतृत्व विवाद न्यायालय में लेकर जानेवाले हिन्दू महासभा को चुनाव न लड़ने के लिए तथा श्रीराम जन्मभूमि कब्जाने के लिए बहुविध प्रयास कर रहे है। एक कथित संत को विवाद के लिए प्रसार माध्यमो को सूचना देकर भाजप कैमरे पर चमकते रहती है ,जब कि राजेश श्रीवास्तव हिन्दू महासभा का सदस्य तक नहीं है। दो बार न्यायालय डिसमिस कर चूका है। भाजप को यह ज्ञान होना चाहिए कि,लिबरहान आयोग में साक्ष देने निकले सुभाष भान साध की हत्या करवाकर १९४९ हिन्दू महासभा आंदोलन की फाइल्स भले गायब कर दी जाएं हिन्दू महासभा ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन राजनितिक या आर्थिक लाभ के लिए नहीं किया। फ़ैजाबाद जिला हिन्दू महासभा अध्यक्ष ठाकुर गोपालसिंग विशारदजी ने स्थानीय नागरिक और श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाड़े के छह हिन्दू महासभाई महंत श्री ,श्री दिगंबर आखाड़े के महंत श्री परमहंस रामचन्द्रदास महाराज हिन्दू महासभा अयोध्या नगर अध्यक्ष के अगुवाई में किया। इनकी गिरफ्तारियां भी हुई थी और १७ राष्ट्रिय मुसलमानो ने हलफनामा देकर न्यायालय में मंदिर का स्वीकार करते हुए विवाद का अपील में समाधान निकला था।
हिन्दू महासभा ने भविष्यत् घुसपैठियों के षड्यंत्र को भांपकर ही २००२ राष्ट्रिय कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखकर ,"सैकड़ो वर्षो की परंपरा से लड़ रहे श्री पंच रामानंदीय निर्मोही आखाडा को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर सौपकर मंदिर के पुनर्निर्माण" की बाधा समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया था।और इस निर्णय पर स्थिर हिन्दू महासभा राष्ट्रिय अध्यक्ष प्रमाणित होगा। बाकि सभी फर्जी,घुसपैठिये,कब्ज़ा-बटवारे के पक्षधर भाजप हस्तक !

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