Friday 8 January 2016

श्रीराम जन्मस्थान हिन्दुओ का है तो,रामानंदीय निर्मोही आखाड़े को लौटाओ !

प्रेस विज्ञप्ती :- कल्याण दिनांक ८ जनवरी २०१६
विषय :- श्रीराम जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण
संदर्भ :- सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा मंदिर निर्माण पर इस वर्ष के अंत तक का समयावधि घोषित करने पर
माननीय संपादक,पत्रकार महोदय ,
24 दिसंबर 1949 को हिन्दू महासभा-निर्मोही आखाडा के संयुक्त आंदोलन के साथ मंदिर कलंकमुक्त हुआ था। 26 दिसंबर को मंदिर कुर्की के साथ सरकार ने वहा पूजा,दर्शन,भोग,राग की व्यवस्था कर दी थी जो अभी तक चल रही है।
हिन्दू महासभा का राजनितिक जनाधार बढ़ने के भय से नेहरू-पटेल ने गुरु गोलवलकर जी  माध्यम से हिन्दू महासभा में सेंध लगाई। गुरूजी ने पटेल-नेहरू के इशारेपर उत्तर भारत संघ चालक बसंतराव ओक को श्यामाप्रसाद मुखर्जी के पीछे लगाया और जनसंघ का निर्माण हुआ।
तब से जनसंघ-संघ-विहिंप-भाजप मंदिर कब्जे के लिए प्रयत्नशील है।
डॉक्टर स्वामी को ढाल बनाकर भाजप उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राजनितिक प्रोपोगंडा कर हिन्दू मतों को आकर्षित करने का प्रलोभन दे रही है। वास्तव में भाजप और उनके सहयोगियों का मंदिर विषयक न्यायालयीन विवाद में कोई अंतर्भाव नहीं है। केवल 6 दिसंबर 1992 को मंदिर विध्वंस की FIR और दो सौ करोड़ का हर्जाना रामानंदीय निर्मोही आखाड़े के ब्रह्मलीन महंत श्री जगन्नाथ दास महाराज द्वारा ठोंक कर उसका अंतर्भाव 4A में किया है।
रामानंदीय निर्मोही आखाड़े के पास बाबर का मंदिर विध्वंस का हुकमनामा तथा 14 अगस्त 1941 नझुल फ़ैजाबाद में 583 प्लाट पंजीकृत है तथा 67:77 भूमि के स्वामित्व का लेख उपलब्ध है। 1885 से अपने अधिकार के लिए लड़ रहे है।
अयोध्या आन्दोलक एवं पक्षकार हिन्दू महासभा की राष्ट्रिय कार्यकारिणी ने 2002 प्रस्ताव पारित कर मंदिर एवं परिसर रामानंदीय निर्मोही आखाड़े को लौटाने का संकल्प किया है। जो इसके विपरीत वक्तव्य दे रहे है वह हिन्दू महासभा का कब्ज़ा करने के के लिए भाजप द्वारा छोड़े गए हस्तक है। इसलिए प्रसार माध्यम हिन्दू महासभा-निर्मोही आखाडा के अतिरिक्त अन्य किसी को श्रीराम जन्मस्थान मंदिर के विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित न करे !
यह निवेदन है ! Natl.Spokperson Pramod Pandit Joshi +919833113997
साथ में 23 दिसंबर 2015 श्रीराम जन्मभूमि रिसीव्हर,फ़ैजाबाद के द्वारा माननीय मुख्य न्यायाधीश,सर्वोच्च न्यायालय,देहली को भेजा पत्र जोड़ रहे है।



No comments:

Post a Comment